हजूर साहिब की संगत को एक व्यापक और संवेदनशील सोच अपनाने की आवश्यकता है।

2008 में हुए गुरतागद्दी समारोह के बाद से तख़्त सचखंड श्री हजूर साहिब में देश-विदेश से, और हर धर्म के श्रद्धालु, बड़ी संख्या में नांदेड आने लगे हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि गुरु महाराज की नगरी सभी को आकर्षित कर रही है।

सचखंड गुरुद्वारा तथा लंगर साहिब गुरुद्वारे की ओर से यात्रियों के ठहरने हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यात्री निवासों का निर्माण भी हो रहा है, यह सराहनीय है।
परंतु इसके साथ-साथ यह भी एक दुःखद सच्चाई है कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा गुरुद्वारों पर सरकारी नियंत्रण और बाहर से नियुक्त चेअरमन के कारण, जितनी सुविधाएँ उपलब्ध होनी चाहिए, उतनी ज़मीनी स्तर पर दिखाई नहीं देतीं।

विशेष रूप से दशहरा, होली, श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी का प्रकाश पुरब और नववर्ष के समय संगत बहुत बड़े पैमाने पर नांदेड आती है।
अन्य दिनों में तो संगत किसी-न-किसी तरह व्यवस्था कर लेती है, लेकिन प्रकाश पुरब और नए साल के दौरान भीषण ठंड, कमरों की भारी कमी और लॉज न मिलने के कारण श्रद्धालुओं—विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों—को अत्यंत कष्ट झेलना पड़ता है।

पिछले वर्ष नववर्ष के समय पुणे से आए एक परिवार—जो किसी शिक्षण संस्था से जुड़े थे—को जब कहीं भी कमरा नहीं मिला, तब हमारे यहाँ के एक बुजुर्ग, देवेंद्र सिंघ जी, जो अकेले रहते हैं, ने मानवता और सिखी की मिसाल पेश की।
उन्होंने उस परिवार को अपने घर में ठहराया, पूरी सुविधा दी। परिवार किराया देने को तैयार था, पर देवेंद्र सिंघ जी ने पैसे लेने से साफ़ इनकार कर दिया। जाते समय वह परिवार दिल से धन्यवाद देता रहा—क्योंकि उनके साथ छोटे बच्चे भी थे।
यही है गुरु की सिखाई हुई सेवा और सरबत दा भला की भावना।

आज आवश्यकता है कि हम सब आत्ममंथन करें
अगर हम किसी अनजान यात्री को घर में ठहराने में संकोच करते हैं, तो कम से कम जब हमारे रिश्तेदार या परिचित हजूर साहिब आते हैं, तो उन्हें गुरुद्वारे के कमरों में रखने के बजाय अपने घर में ठहराएँ, ताकि गुरुद्वारे के कमरे उन ज़रूरतमंद श्रद्धालुओं के काम आ सकें, जिनके पास कोई सहारा नहीं होता।

हजूर साहिब केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सेवा, करुणा और मानवता का जीवंत केंद्र है।
यदि हम सब थोड़ी-सी सोच बदल लें, तो अनगिनत संगत की परेशानी कम हो सकती है—और यही गुरु महाराज को सच्ची सेवा होगी।

मेरे मन की भावना मैंने शब्दों में रखने का प्रयास किया है।
कहीं कोई भूल-चूक हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ।

राजेंद्र सिंघ शाहू
इलेक्ट्रिकल ट्रैनंर अबचलनगर नांदेड
7700063999

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