श्री गुरु तेग बहादरजी शहीदी शताब्दी समारोह महाराष्ट्र सरकार को हृदयपूर्वक धन्यवाद

मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी तथा महाराष्ट्र सरकार का दील से बहोत बहोत धन्यवाद!*

*यह हमारे लिए गर्व और श्रद्धा का विषय है कि देवेंद्र फडणवीस जी की दूरदर्शी संकल्पना से 350वां श्री गुरु तेग बहादर जी शहीदी शताब्दी समारोह महाराष्ट्र राज्य स्तर पर मनाया जा रहा है। इस आयोजन के लिए सरकार ने एक उत्तम आर्थिक निधि मंजूर कर इस पवित्र समारोह को भव्य रूप से मनाने की दिशा में कार्य प्रारंभ किया है।*

 

*श्री गुरु तेग बहादर जी का जीवन त्याग, शौर्य और धर्मनिष्ठा का प्रतीक रहा है। उन्होंने न केवल हिंदू धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया, बल्कि पूरी दुनिया के सामने यह मिसाल रखी कि धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देना ही सच्चा धर्म है। उनके इस महान बलिदान ने मानवता के इतिहास में अमर ज्योति प्रज्वलित की है।*

 

*महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस अवसर को भव्यता से मनाने की जो तैयारी की जा रही है, वह निश्चय ही गुरु महाराज के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेगी।*

 

*मैं अपनी ओर से कुछ विनम्र सुझाव देना चाहता हूं*

 

*1️⃣ गुरु इतिहास प्रदर्शनी और प्रेरणादायी व्याख्यान*

*जैसे कुछ वर्ष पूर्व चार साहिबजादों की स्मृति में मल्टी पर्पज हाईस्कूल मैदान में उत्कृष्ट प्रदर्शन और व्याख्यान आयोजित किए गए थे, वैसे ही इस बार श्री गुरु तेग बहादर जी की शौर्यगाथा, त्याग और धर्मरक्षा की प्रेरणादायी कथा को प्रदर्शित कर जनता तक पहुंचाया जाये।*

 

*2️⃣ विद्यालय और महाविद्यालयों में निबंध प्रतियोगिता*

*छात्रों को गुरु महाराज के आदर्शों से जोड़ने के लिए निबंध स्पर्धा और भाषण प्रतियोगिता आयोजित की जाएं।*

 

*3️⃣ लाइट एंड साउंड ड्रामा के माध्यम से प्रस्तुति*

*श्री गुरु तेग बहादर जी के जीवन, उनके शांति, ध्यान और बलिदान की कहानी को लाइट एंड साउंड शो के रूप में प्रस्तुत किया जाये, जिससे युवा पीढ़ी भावनात्मक रूप से जुड़ सके।*

 

*4️⃣ मार्शल आर्ट (गतका) एवं आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर*

*गुरु महाराज जितने शांत, उतने ही युद्ध में वीर थे। तेग (तलवार) की पराक्रमी साधना ने उन्हें “तेग बहादर” बनाया।*

*इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए गतका, तलवारबाज़ी, निशानेबाज़ी, घुड़सवारी जैसी पारंपरिक सिख मार्शल आर्ट्स के प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर युवाओं व मातृशक्ति को आत्मरक्षा में निपुण बनाना चाहिए।*

*5️⃣ ध्यान और आध्यात्मिकता शिविर*

*गुरु महाराज ध्यान के परम आचार्य थे। उनके आंतरिक शांति और दूरदृष्टि ने आने वाली पीढ़ियों को खालसा पंथ के रूप में एक नई क्रांति दी। इसीलिए ध्यान व नाम-सिमरन के शिविरों का आयोजन किया जाए।*

 

*6️⃣ बहुभाषिक साहित्य प्रकाशन*

*गुरु महाराज का संक्षिप्त जीवन-चरित्र और उपदेशों की पुस्तकें मराठी, हिंदी, इंग्रजी सहित विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित कर जनसामान्य तक पहुंचाई जाएं।*

*इसके साथ-साथ* *धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएं — और यह सभी आयोजन संचखंड गुरुद्वारा के आदरणीय पंज प्यारों साहीबान की सरपरस्ती में हों, जिससे धार्मिक मर्यादा, शांति और एकता का वातावरण कायम रहे।*

*गुरु तेग बहादर जी का जीवन आज भी यह संदेश देता है कि*

*”धर्म की रक्षा के लिए भले ही सिर कट जाये, पर सिर झुकना नहीं चाहिए!”*

*हम सब को चाहिए कि हम भी उनके आदर्शों पर चलते हुए समाज में सद्भावना, एकता और न्याय की भावना को जीवित रखें।*

 

*एक बार फिर*

*मा० मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी, महाराष्ट्र सरकार तथा इस आयोजन से जुड़े सभी अधिकारियों, संगठनों और सेवकों का हृदय से आभार।*

*आपके इस निर्णय से महाराष्ट्र की भूमि पर गुरु तेग बहादर जी के अमर उपदेशों की गूंज पुनः सुनाई देगी।*

*वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।*

*✍️ राजेंद्र सिंघ शाहू इलेक्ट्रिकल ट्रैनंर नांदेड 7700063999*

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