इलेक्शन का रिझल्ट तथा न्युज चैनल तथा सोशल मीडिया पर चल रही चर्चा

नांदेड- वैसे यह मेरा विषय नहीं है…क्यों के मैं राजनीती से कोसो दूर रहने वाला व्यक्ती हुं…. परंतु इलेक्शन के रिझल्ट के बाद लगातार सोशल मीडिया पर मा वसंतरावजी जीतने के कारण तथा मा. चिखलिकर साहब के हारने की चर्चा जोरो में नियमित रूप से चल रही*……*चव्हाण साहब क्यों जीते तथा चिखलीकर साहब क्यों हारे इस बारे में कोई भी स्पष्ट रूप से कह नहीं सकते …… फिर भी हारने जीतने के बारे में निष्पक्षता से कुछ विचार रखने का प्रयास*……*सब से पहले मन में विचार आये है पुरी दुनिया में प्रख्यात सिक्खों के पवित्र धार्मिक संस्था तथा गुरूद्वारा जो के नांदेड के विकास में अपनी बहोत ज्यादा भुमिका निभाता है….. ऐसे धार्मिक संस्था में 2014 से लगातार महाराष्ट्र सरकार नांदेड के नेताओं को नजर अंदाज कर के मुंबई या पर प्रांतीय नेताओं के सुझाव को अधिक महत्त्व देते हुये….चाहे नांदेड के सांसद हो या विधायक या भूतपुर्व मुख्यमंत्री इनकी कीमत केवल निवेदन देने तक ही सिमीत रखते हुये लगातार गुरूद्वारे में अन्याय पुर्वक दखल अंदाजी करने से एक प्रकार से नांदेड के विकास थम सा गया इस के लिये लगातार पुरे दुनिया के सिक्ख जगत ने मिल कर कभी बडे बडे आंदोलन तो कभी भुक हडताल तो बार बार निवेदन देना चालू रखा है…. और इस में सर्व धर्मीय लोगो के साथ साथ हमारे नांदेड के पत्रकार भाईयों ने भी अपने अपने न्युज पेपर तथा न्युज चॅनल पर आवाज उठा कर सिक्खों को न्याय दिलाने का प्रयास तथा अन्याय दुर करने का प्रयास कीये परंतु कुछ भी असर नहीं हुआ*……*वैसे चिखलीकर साहब ने रेल्वे,हवाई जहाज तथा अन्य बहोत से बडे बडे काम बहोत अच्छे तरीके से कीये है…. परंतु जनता के स्वास्थ्य का प्रश्न हो,साफ सफाई का हो या ट्राफीक अथवा शहर के रास्तों का प्रश्न हो या लोगो की माल जान की सुरक्षा, बेरोजगारी का हो या नांदेड के बडे बडे उद्योग बंद अवस्था में पडे रह कर एम आय डी सी की हालत बदतर हो गयी है …. घंटों तक बार बार लाईट बंद होना आम हो गया है ऐसे अनेक ज्वलंत प्रश्न इस बारे में इस बारे में नांदेड बहोत पिछड गया है और सभी नेताओं ने नजर अंदाज कर के चुप्पी साधे बैठे है…..कोई कुछ बोलने को तयार नहीं है…..यह मान्य करना होगा*……*वैसे नांदेड के बाहर मा गडकरीजी की ही मेहरबानी होगी अच्छे रास्ते ओव्हर ब्रीज ऐसे बन गये है ऐसे लग रहा है जैसे अन्य देश में पहुंच गये इस विकास को भी नाकारा नहीं जाता…..दुसरी एक बात मन में आ रही है…. नांदेड के एक भी नेता को शायद उनकी पार्टी काबिल नहीं समझते है शायद इस लिये इतने वर्षो से ज्यादा तर बहोत से आमदार उच्च शिक्षित तथा सक्षम होने के बावजूद भी किसी को भी मंत्री पद या कोई बडा पद नंही मिला तो यह भी एक कारण हो सकता है…. इसीलिये अब जनता ने कुछ परिवर्तन तथा नांदेड के विकास के लिये साधारण व्यक्ती भी नेता तक पहुंच सके ऐसे नेता को सांसद के रूप में पसंद कीये होंगे*……..*अब नांदेड की जनता केवल और केवल विकास तथा मुलभूत बातें,शहर के रस्ते,साफ सफाई,जान माल की सुरक्षा,जाती वाद से दूर, ऐसे अनेक बातों की उम्मीद कर के भविष्य में भी ऐसे ही नेता को पसंद करेगें जो यह सब खुदब खुद कर सकेगा*……. *यह लिखने के पिछे का उद्देश केवल और केवल जनता को तथा गुरूद्वारे तथा सिक्ख को न्याय मिल कर नांदेड का विकास अच्छे तरीके से हो….. मैं राजकारण से दुर होने से किसी के पक्ष में या किसी के भी विरोध में नहीं हुं….. फिर भी किसी का दील दुःखा होगा तो हाथ जोड कर माफी चाहुंगा*

 

राजेंद्रसिंघ नौनिहालसिंघ शाहू 

इलेक्ट्रिकल ट्रैनंर अबचलनगर नांदेड 7700063999*

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