महाराष्ट्र सरकार का ऐतिहासिक निर्णय : शिक्षा में शामिल होगा सिक्ख शहादत का गौरवशाली इतिहास

नांदेड -महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी द्वारा आगामी शैक्षणिक सत्र से राज्य के स्कूलों एवं महाविद्यालयों में 1500 से 1765 तक के सिक्ख शहीदत्व के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने का लिया गया निर्णय अत्यंत स्वागतयोग्य और ऐतिहासिक है। यह कदम न केवल महाराष्ट्र बल्कि संपूर्ण भारत के लिए गौरव का विषय है।
सिक्ख इतिहास में गुरु साहिबान, साहिबजादों एवं अनगिनत सिक्ख वीरों-वीरांगनाओं ने धर्म, मानवीय अधिकारों, न्याय और स्त्री सम्मान की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति दी। ऐसे बलिदानी इतिहास का शिक्षण नई पीढ़ी के चरित्र निर्माण एवं राष्ट्रीय चेतना को सशक्त करेगा। इस पहल से विशेषकर हमारी माताओं-बहनों में आत्मरक्षा, आत्मसम्मान और अपने धर्म-संस्कारों को सुरक्षित रखने का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
केंद्र सरकार के प्रति भी धन्यवाद
हम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, गृहमंत्री श्री अमित शहा जी एवं भारत सरकार के प्रति भी आभार व्यक्त करते हैं, जो गुरु साहिबान की शहादत गाथाओं को देश और विश्व स्तर पर गरिमा के साथ प्रदर्शित कर रहे हैं। यह राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समरसता की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण प्रयास है। कक्षा 9 वीं के इतिहास पाठ्यक्रम में सुधार की आवश्यकता महाराष्ट्र की 9वीं कक्षा की इतिहास पुस्तकों में सिक्ख समाज के सम्मान को ठेस पहुँचाने वाले और तथ्यहीन वर्णन अभी भी सम्मिलित हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी से विनम्र निवेदन है कि ऐसी सामग्री पर तत्काल रोक लगाई जाए सत्य, प्रमाणित एवं गौरवपूर्ण सिक्ख इतिहास को ही पाठ्यक्रम का भाग बनाया जाए यह शैक्षणिक सुधार सामाजिक सद्भाव और ऐतिहासिक न्याय का आधार बनेगा।
संचखड गुरूद्वारा बोर्ड को अधिकार लौटाने की मांग
पिछले 25 वर्षों से संचखड गुरूद्वारे पर कभी समिति तो कभी प्रशासक नियुक्त किए जा रहे हैं। साथ ही, 1956 के गुरूद्वारा बोर्ड कानून की कलम 11 में संशोधन कर सरकार द्वारा अध्यक्ष नियुक्त करने का अधिकार दिया गया है, जिससे सिक्ख समाज के लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित किया गया है। और लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित कर दिया गया है
विनम्र अनुरोध है कि यह संशोधन रद्द कर
संचखड गुरूद्वारा बोर्ड को पहले की भाँति स्वयं अध्यक्ष एवं प्रबंध समिति चुनने का अधिकार पुनः प्रदान किया जाए
आगामी 350वें शहीदी समागम के अवसर पर लिया गया ऐसा निर्णय सिक्ख समाज के सम्मान एवं अस्मिता को नई ऊँचाई प्रदान करेगा।
महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय शिक्षा में नैतिक मूल्यों, त्याग, साहस और राष्ट्रभक्ति को मजबूत करेगा। हमें आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि ऊपर दिए मुद्दों पर भी
सकारात्मक, न्यायोचित एवं समयबद्ध कार्रवाई
अवश्य की जाएगी, जिससे समाज में एक बेहतर परिवर्तन देखने को मिलेगा।

राजेंद्र सिंघ शाहू
इलेक्ट्रिकल ट्रैनंर नांदेड
मो. 7700063999

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