महाराष्ट्र प्रांतीय खांडल समाज के महत्वपूर्ण संस्थानों का संकलनकर्ता श्री गिरधारी लाल जी शर्मा (माटोलिया)

जीवन परिचय एवम कर्तव्य के साथ सामाजिक संगठनों में भागीदारियो की जानकारीः

श्री गिरधारीलालजी शर्मा (माटोलिया) का जीवन समाज के प्रति समर्पित रहा है। उनका व्यक्तित्व समाज के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों में संपूर्ण खांडल विप्र समाज गौरवान्वित महसूस करता है। महाराष्ट्र प्रदेश संगठन के गठन से लेकर आज तक की प्रगति में तथा महासभा के कार्यों के लिए श्री गिरधारी लाल जी शर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

श्री गिरधारीलालजी शर्मा का जन्म 13 मई 1943 को नवलगढ़ जिला झुंझुनू, राजस्थान में हुआ। अखिल भारतवर्षीय श्री खांडल विप्र महासभा का 11 वां महाअधिवेशन स्वागता अध्यक्ष पंडित जगतनाथजी आयुर्वेदाचार्य नवलगढ़ (बड़ी बहन के ससुरजी) और नानाजी पंडित द्वारकाप्रसादजी जोशी, उप स्वागत अध्यक्ष एवम स्वर्गीय माननीय पंडित श्रद्धेय श्री शष्ठगोपालाचार्य (काछवाल) जी की अध्यक्षता में नवलगढ़ में 1945 में संपन्न हुआ था, जिसमें सर्वप्रथम संपूर्ण भारतवर्ष और ब्रह्मदेश से भी 3000 से भी ज्यादा खांडल ब समाज के प्रतिनिधि पधारे थे, जो आज तक का एक रिकॉर्ड है।

 

आपके विद्यार्थी जीवन में खांडल विप्र समाज एवं महर्षि मंगलदत्तजी छात्रावास के कार्य में भी भाग लिया। सन् 1968 में आप व्यवसाय निमित्त महाराष्ट्र के पुणे जिले के भिगवण गांव में आपके ससुर स्वर्गीय श्री श्यामसुंदर पीपलवा के साथ भागीदारी में व्यापार किया। आपने अपने स्वर्गीय ससुर श्री श्यामसुंदरजी पिपलवा के समाज कार्यों एवं भिगवण में खांडल समाज की बैठकों में महासभा एवं शिक्षण फंड के महानुभाव के लिए व्यवस्था संभाली। सन् 1981 में अखिल भारतवर्षीय खांडल विप्र महासभा शिक्षण फंड का अधिवेशन भिगवन में हुआ, उसकी संपूर्ण जिम्मेवारी आप ने संभाली। संग 1992 मैं महासभा अध्यक्ष एवं महामंत्री द्वारा मुंबई में महासभा के अधिवेशन में प्रांतीय संगठनों की स्थापना कि जिसमे महाराष्ट्र प्रदेश खांडल विप्र संगठन की स्थापना की घोषणा की गई और 1993 में पंजीयन होने के पश्चात एचआर (संगठन मंत्री) सचिव का कार्य स्वर्गीय श्री डॉ. दीनदयालजी माटोलिया और स्वर्गीय श्री नारायणप्रसादजी चोटिया के साथ महाराष्ट्र प्रदेश में 35 शाखा सभाओं का गठन किया। दक्षिणांचल खांडल विप्र समाज में बंधुओं से संपर्क किया। एवम दक्षिण भारत में समाज में जागृति का भाव लाने के लिए कई जगहों पर मीटिंग ली गई।

26 मई 1999 महाराष्ट्र प्रदेश खांडल विप्र संगठन के पंढरपुर अधिवेशन में अध्यक्ष नियुक्त किए गए। आप महासभा के कार्यों में सन 1993-94 से ही भाग लेते रहे हैं। सन 2000 में महासभाने दक्षिण प्रांतोके प्रभारी का कार्यभार दिया। सन 2002 में महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर कार्य किया। आपके अध्यक्षीय कार्यकाल में महासभा के सन् नवंबर 1999 महासभा की बैठक में महाराष्ट्र प्रदेश की नियमावली मंजूर करवाई और सन् 2005 में महासभा से समन्वय कर महाराष्ट्र में धर्मदाय आयुक्त से पंजीयन करवा के, समाज का कार्य व्यवस्थित नियमानुसार महासभा में सूचना देकर खांडल समाज के प्रगति का कार्य किया आप के कार्यकाल में ? वार्षिक अधिवेशन और दो सामुहिक विवाह संपन्न हुए।

आपकी सामाजिक सेवाओं के कारण से महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्पेशल एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के पद पर आप नियुक्त किए गए। सन 2006 भिगवण में प्रदेश संगठन के अधिवेशन में महासभा कार्यकारिणी और शिक्षण फंड की कार्यकारिणी की भी बैठकें हुई। अप्रैल 2006 में स्वर्गीय एड. रामेश्वर जी खांडल, नांदेड को कार्यभार सुपुर्द किया और उसके पश्चात प्रदेश के संरक्षक के नाते प्रदेश और महासभा के कार्यों मे समन्वय करके भाग ले रहे हैं। सन 2008-09 से सन 2013-14 पर्यन्त श्री खांडल विप्र प्रांतीय अध्यक्ष सम्मलेन मंच के संयोजक पद पर कार्य किया। श्री गिरधारीलालजी शर्मा (माटोलिया) हमेशा सामाजिक संगठनों को मजबूत बनाने के हक में अपनी पहचान बनाई है। मजबूत संगठन मजबूत समाज को यथार्थ करने में हमेशा अग्रणीय रहे है। वास्तव न्यूज लाइव की ओर से भी श्री गिरधारीलालजी शर्मा को जन्मदिन के अवसर पर प्रणाम करते हुए शुभकामनायें प्रेषित करते है।

– श्री सुरेश शर्मा (दुगोलिया) अध्यक्ष शाखा सभा भिगवण

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